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भारत के 8 प्रमुख धार्मिक स्थल
जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत अपने सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव के लिए विश्वभर में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। भारत में विभिन्न धर्मों के अनुयायी सदियों से साथ रहते आ रहे हैं। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई धर्म के अनुयायी यहाँ के धार्मिक स्थलों से बहुत ही गहराई से जुड़े हुए हैं। भारत के धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वास्तुशिल्प दृष्टि से भी अत्यंत मूल्यवान हैं।
इस आर्टिकल में हम भारत के 8 प्रमुख धार्मिक स्थलों की पूरी जानकारी देंगे, उनके इतिहास, महत्व, वास्तुकला, त्यौहार और रोचक तथ्य विस्तारपूर्वक बताएँगे।
अगर आप को हमारी ये पोस्ट पसंद आए तो ज़रूर बताइए, हम आने वाली अगली पोस्ट में अन्य धार्मिक स्थलों को भी शामिल करेंगे
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आज की इस पोस्ट में इन धार्मिक स्थलों को शामिल किया गया है:
- श्री बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड
- स्वर्ण मंदिर, अमृतसर (हरमंदिर साहिब)
- जामा मस्जिद, दिल्ली
- काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
- वेलंकन्नी चर्च, तमिलनाडु
- वौद्ध महाबोधि मंदिर, बोधगया
- श्री स्वामी गुरुद्वारा साहिब, पटना
- श्रवणवेल मोल, कर्नाटका
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👉1. श्री बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
श्री बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह मंदिर हिमालय पर्वतों की गोद में, गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है। इसकी ऊँचाई लगभग 3,133 मीटर है। इस कारण यहाँ जाने के लिए पहाड़ी मार्गों से यात्रा करनी पड़ती है, यात्रा थोड़ी कठिन होती है लेकिन मज़ेदार भी होती है।, श्रद्धालु भक्ति में लीन कठिनाइयों दरकिनार कर आगे बढ़ते हैं।
धार्मिक महत्व: बद्रीनाथ धाम यह हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है। इसे भगवान विष्णु के बद्रीनाथ रूप को समर्पित माना जाता है। साथ ही पुराणों और वेदों में इसका उल्लेख मिलता है। यहां के दर्शन करना प्रत्येक हिन्दू श्रद्धालु के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर व्यक्ति जीवन में एक बार यहां आने की कामना करता है।
इतिहास: ऐसा माना जाता है कि भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति को सबसे पहले यहां पर आदिशंकराचार्य ने स्थापित किया था। मंदिर का वर्तमान स्वरूप 18वीं सदी में निर्मित हुआ थे। इसे कई बार आपदाओं और प्राकृतिक आपदाओं के बाद पुनर्निर्मित भी किया गया है।
वास्तुकला: बद्रीनाथ धाम की वास्तुकला को हिमालय की परंपरा के अनुसार बनाया गया है। इसका मुख्य गेट और भवन रंग-बिरंगी चित्रकारी से सजाया गया है। मंदिर के भीतर गर्भगृह में भगवान विष्णु की सुंदर मूर्ति विराजमान है। यहां पहुंचते ही श्रद्धालुओं के सफर की सारी थकान खत्म हो जाती है।
त्यौहार और यात्रा: मंदिर को मई-जून में खोला जाता है और अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिया जाता है। यहाँ पर विशेष पूजा, भजन और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। हिमालय की पृष्ठभूमि में यह मंदिर अत्यंत मनमोहक प्रतीत होता है।
रोचक तथ्य: बद्रीनाथ धाम के आसपास कई छोटे-छोटे तीर्थ स्थल भी हैं, जैसे: गौरीकुंड, नेत्रकुण्ड और चार धाम यात्रा का हिस्सा। यहां आने वाले हर स्थल पर जाते हैं। और वापस लौटने के बाद सारा जीवन इस यात्रा को याद कर खुशी महसूस करते हैं।
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👉2. स्वर्ण मंदिर, अमृतसर (हरमंदिर साहिब)
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
स्वर्ण मंदिर पंजाब के अमृतसर शहर में स्थित है। इसे सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थल के रूप में जाना जाता है। मंदिर परिसर के बीच में एक तालाब है, जिसे अमृत सरोवर कहते हैं।
धार्मिक महत्व: इस मंदिर को गुरु नानक देव जी और सिख गुरुओं के जीवन और शिक्षाओं का प्रतीक माना जाता है। इसी लिए हर सिख श्रद्धालु के लिए यहाँ आना अनिवार्य माना जाता है।
इतिहास: इस मंदिर का निर्माण गुरु रामदास जी ने 1577 में प्रारंभ किया और गुरु अर्जुन देव जी ने इसका विस्तार किया था। 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने इसे सोने की परत से सजाया था।
वास्तुकला: मंदिर का बाहरी भाग सोने की परत से ढका हुआ है। मंदिर के चारों तरफ सफेद संगमरमर का निर्माण है। इसमें संगमरमर की नक्काशी, जालीदार खिड़कियाँ और सुनहरी गुम्बदें हैं। जिसे देखते ही आँखें चमक उठती हैं। मन शांत हो जाता है।
लंगर व्यवस्था: स्वर्ण मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी लंगर व्यवस्था है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मुफ्त भोजन प्राप्त करते हैं। लंगर में सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोग एक साथ भोजन करते हैं।
मैं खुद जब यहां साल 2012 में गया था तब मैने भी सेवा की थी, सबसे अच्छी बात यह लगी कि यहां अमीर और गरीब का कोई भेद भाव नहीं है।
किसी ने मुझसे पूछा कि पानी पियोगे ?
मैने कहा नहीं, मै वहां खड़े हो कर लोगों को पानी पिलाना चाहता हूं
एक सरदार जी मुस्कुरा कर मुझे देखे और आंखों के इशारे से सेवा करने की अनुमति दिए।
त्यौहार और उत्सव: गुरुपर्व, बैसाखी और दीपावली जैसे त्यौहारों पर यहाँ विशेष आयोजन किए जाते हैं। यह स्थल हर समय श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
रोचक तथ्य: इस मंदिर का पानी विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। श्रद्धालु इसे पीकर पुण्य की प्राप्ति मानते हैं। करीब ही जालियां वाला बाग है। जहां जा कर हम स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते है। कुछ किलोमीटर दूरी पर अटारी बॉर्डर हैं, जहां रोज़ शाम को भारत और पाकिस्तान की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान अनोखे अंदाज़ में परेड करते हैं।
विश्व की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की जानकारी के लिए हमारे इस लेख को ज़रूर पढ़िए | Famous UNESCO World Heritage Sites of the World
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👉3. जामा मस्जिद, दिल्ली
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
जामा मस्जिद दिल्ली के पुरानी दिल्ली क्षेत्र में स्थित है। यह भारत की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक मस्जिदों में से एक है।
धार्मिक महत्व: यह मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लिए प्रार्थना और धार्मिक शिक्षा का मुख्य केंद्र है। यहाँ नमाज़ अदा करने के लिए हजारों लोग इकट्ठा होते हैं। भारत के सभी मुस्लिम एक बार इस मस्जिद में नमाज़ अदा करने की इच्छा रखते हैं। यही कारण है कि इस मस्जिद में हर समय भारत के अलग अलग राज्यों और शहरों से आए हुए लोग इबादत करते नज़र आते हैं।
मस्जिद का वो हिस्सा जहां नमाज़ अदा की जाती है, वहां अगर आप सिर्फ यूं ही बैठे रहे तो भी आप को एक अलग अनुभव होगा, मन पूरी तरह शांत हो जाएगा, मस्तिष्क चिंता मुक्त हो जाएगा। दुनिया की सारी उलझन दूर हो जाएंगी।
इतिहास: इस मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने साल 1656 में करवाया था। इसे बनवाने में लाल और सफेद बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
वास्तुकला: मस्जिद में तीन विशाल गुम्बद और दो मिनारें हैं। मुख्य प्रार्थना हॉल (नमाज़ अदा करने का स्थान) विशाल है और एक साथ हजारों लोगों को बैठने की क्षमता देता है।
त्यौहार और आयोजन: ईद के अवसर पर जामा मस्जिद में विशेष नमाज़ (ईद की नमाज़) का आयोजन होता है। मुस्लिम त्योहारों के दौरान यह मस्जिद धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र बन जाती है।
रोचक तथ्य: मस्जिद की विशाल प्रांगण में कांच के झूमर, नक्काशीदार द्वार और लाल पत्थर की जाली इसे आकर्षक बनाते हैं। यहां आने वाले इसे देखते ही रह जाते हैं। सबसे खास बात: यहां मुस्लिमों के साथ सभी धर्मों के लोग आते हैं, सभी धर्म और जाती के लोगों को एक समान सम्मान दिया जाता था।
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👉4. काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
स्थान और भौगोलिक जानकारी: काशी विश्वनाथ मंदिर जो कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसे हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है।
धार्मिक महत्व: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। हिन्दू धर्म में इसे मोक्ष प्राप्ति का प्रमुख स्थल माना जाता है।
इतिहास: इस मंदिर को कई बार नष्ट किया गया और पुनः बनाया गया है। वर्तमान मंदिर 1780 में मराठा राजा माधव राव द्वारा बनवाया गया है।
वास्तुकला: मंदिर का शिखर सोने की चोटी से जड़ा हुआ है। इसके भीतर भगवान शिव का पंचमुखी स्वरूप दर्शनीय है।
त्यौहार और आयोजन: महाशिवरात्रि, श्रावण मास और कार्तिक मास में यहाँ विशेष आयोजन किए जाते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
रोचक तथ्य: वाराणसी का यह मंदिर विश्वभर में हिन्दुओं के लिए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ के पास अन्य छोटे मंदिर और घाट भी मौजूद हैं।
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👉5. वेलंकन्नी चर्च, तमिलनाडु
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
वेलंकन्नी चर्च यह तमिलनाडु के वेलंकन्नी शहर में स्थित है। यह चर्च ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए प्रसिद्ध है।
धार्मिक महत्व: इसचर्च में वेलंकन्नी मदर की पूजा की जाती है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहाँ की प्रार्थनाएँ हमेशा पूरी होती हैं। यही कारण है कि भारत में रहने वाले ईसाई धर्म के के लोग जीवन में एक बार इस चर्च में ज़रूर आना चाहते हैं।
इतिहास: इस चर्च का निर्माण 16वीं सदी में पुर्तगाली लोगों ने करवाया था।
वास्तुकला: इस चर्च को गोथिक शैली में निर्मित किया गया है। इसकी ऊँची टावर और सफेद संरचना इसे विशिष्ट बनाती हैं।
त्यौहार और आयोजन: यहां पर वेलंकन्नी फेस्टिवल हर साल आयोजित होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
रोचक तथ्य: यहाँ के पूजा कार्यक्रम में भक्त प्रार्थना और भजन के साथ चमत्कारिक घटनाओं का अनुभव भी करते हैं।
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👉6. वौद्ध महाबोधि मंदिर, बोधगया बिहार
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
वौद्ध महाबोधि मंदिर बिहार के बोधगया शहर में स्थित है। यह वही स्थान है जहाँ गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था।
धार्मिक महत्व: यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सर्वोच्च तीर्थ स्थल माना जाता है।
इतिहास: यहाँ पर ही भगवान बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया और बोधि प्राप्त किया है।
वास्तुकला: यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है। इसकी प्रमुख संरचना में मंदिर परिसर, बोधि वृक्ष और प्रतिमाएँ इत्यादि शामिल हैं।
त्यौहार और आयोजन: बुद्ध पूर्णिमा और अन्य बौद्ध उत्सव यहाँ बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं।
रोचक तथ्य: UNESCO ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया हुआ है। यहाँ प्रतिदिन लाखों बौद्ध श्रद्धालु दर्शन करते हैं। सिर्फ बौद्ध ही नहीं बल्कि देश विदेश से अन्य धर्मों के लोग भी यहां आते हैं।
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👉7. श्री स्वामी गुरुद्वारा साहिब, पटना
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
यह गुरुद्वारा पटना शहर में स्थित है जो कि पंजाब के स्वर्ण मंदिर की तरह ही सिख समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।
धार्मिक महत्व: यह गुरुद्वारा नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी से जुड़ा हुआ है।
इतिहास और वास्तुकला: गुरुद्वारा में सिख स्थापत्य कला की झलक मिलती है। जो कि भारत में सिख धर्म के मानने वालों के इतिहास को उजागर करती है।
त्यौहार और आयोजन: यहाँ प्रतिदिन लंगर चलता है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि जहां कहीं भी गुरुद्वारा होगा वहां लंगर भी होगा, कोई भी भूखा प्यासा इंसान बिना भेदभाव के खाना खा सकता है। गुरुपर्व और अन्य धार्मिक अवसरों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
रोचक तथ्य: यह गुरुद्वारा पटना साहिब सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है।
विश्व की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की जानकारी के लिए हमारे इस लेख को ज़रूर पढ़िए | Famous UNESCO World Heritage Sites of the World
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👉8. श्रवणवेल मोल, कर्नाटका
स्थान और भौगोलिक जानकारी:
श्रवणवेल मोल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। यह स्थल कर्नाटक में स्थित है।
धार्मिक महत्व: यहाँ पर भगवान बहुबली की विशाल मूर्ति स्थित है।
इतिहास और वास्तुकला: मूर्ति की भव्यता और मंदिर परिसर जैन स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।
त्यौहार और आयोजन: जैन धर्म के महापर्व यहाँ बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। पूरे भारत से जैन धर्म के लोग यहां पहुंचते हैं और मिल जुल कर खुशी खुशी त्यौहार मनाते हैं।
रोचक तथ्य: मूर्ति की ऊँचाई और कलाकारी इसे विश्वभर में प्रसिद्ध बनाती है।
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👉निष्कर्ष
भारत में धार्मिक स्थलों की विविधता और भव्यता अद्भुत है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई धर्म के ये स्थल न केवल श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा भी हैं। भारत अनेकता में एकता वाला देश है।
भारत में मौजूद सभी धर्मों के लोग और उनके धार्मिक स्थल पूरी दुनिया में अलग पहचान रखते हैं।
यह सभी स्थल न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यटन और अध्ययन के लिए भी आकर्षक होते हैं।
इन स्थलों का दौरा करके व्यक्ति न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करता है, बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विविधता को भी समझ पाता है। हम बहुत ही खुशनसीब हैं जो भारत में पैदा हुए। हालांकि यह पोस्ट और वेबसाइट केवल जानकारी प्रदान करने का माध्यम है फिर भी हमारे देश की शान और एकता के लिए यहां कहना ज़रूरी होगा।
जय हिंदी, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
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