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मध्ययुगीन यूरोप
मध्ययुगीन यूरोप (Medieval Europe) का काल लगभग 5वीं शताब्दी से 15वीं शताब्दी तक
माना जाता है। इस समय को “डार्क एज” भी कहा जाता था, लेकिन
इसके विपरीत आधुनिक इतिहासकार इसे एक महत्वपूर्ण परिवर्तन काल मानते हैं। पश्चिमी
रोमन साम्राज्य के पतन के बाद यूरोप में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक ढांचा पूरी तरह बदल गया था।
इसी अवधि में सामंतवाद (Feudalism), चर्च की शक्ति, क्रूसेड्स, नगरों
का विकास और अंत में पुनर्जागरण (Renaissance) की
शुरुआत हुई थी।
1. सामंतवाद का उदय:
रोमन साम्राज्य टूटने के बाद सुरक्षा
का संकट बहोत बढ़ गया था। लोग शक्तिशाली सरदारों और ज़मींदारों के संरक्षण में
रहने लगे थे। इससे सामंतवाद की व्यवस्था बनी, जिसमें
समाज राजा, सरदार, योद्धा
और किसानों में बंटा हुआ था। किसान ज़मीन पर काम करते और सुरक्षा के बदले हिस्सा देते
थे। यह व्यवस्था आगे चल कर यूरोप का मुख्य राजनीतिक और आर्थिक ढांचा बनी।
2. चर्च और पोप की शक्ति:
मध्ययुगीन यूरोप में कैथोलिक चर्च ही
सबसे शक्तिशाली संस्था थी। पोप (Pope) केवल
धार्मिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक
मामलों पर भी प्रभाव रखते थे। चर्च शिक्षा, न्याय
और संस्कारों का केंद्र था। मठों (Monasteries) में
ज्ञान संरक्षित हुआ और पादरी समाज को दिशा देते थे।
3. क्रूसेड्स
(धर्मयुद्ध):
11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच ईसाइयों और मुसलमानों के बीच पवित्र नगर यरूशलम (मस्जिद-अल-अक्सा) को लेकर कई धर्मयुद्ध हुए। इन युद्धों ने यूरोप में बड़े परिवर्तन लाए—
- व्यापार बढ़ा
- नई तकनीकें आईं
- पूर्वी दुनिया से ज्ञान का प्रसार हुआ
4. नगरों और व्यापार का
विकास:
12वीं शताब्दी के बाद नगर तेज़ी से
बढ़ने लगे थे। व्यापारी वर्ग (Merchant Class) मजबूत
हुआ था। गिल्ड (Guild) नाम की संस्थाएँ व्यापार को नियंत्रित
करती थीं। इससे यूरोप की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे मजबूत हुई।
5. ब्लैक डेथ (Black Death):
1347–1350
के बीच प्लेग नामक महामारी आई, जिसने
यूरोप की लगभग एक-तिहाई जनसंख्या को खत्म कर दिया था। इस भयानक घटना ने सामाजिक और
आर्थिक ढांचे को बदल कर रख दिया था। मजदूरों की कमी होने से उनकी मांग बढ़ी और
सामंतवाद कमजोर होने लगा था।
6. राष्ट्र-राज्यों का
विकास:
अंतिम मध्ययुग में इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन
को आधुनिक राष्ट्र-राज्यों का रूप मिलना शुरू हो गया था। राजाओं की सत्ता मजबूत
हुई और केंद्रीय प्रशासन विकसित हुआ।
7. मध्ययुग का अंत और
पुनर्जागरण का उदय:
15वीं शताब्दी तक यूरोप में शिक्षा, कला और विज्ञान के प्रति लोगों में रुचि बढ़ने
लगी। इसी से पुनर्जागरण शुरू हुआ, जिसने मध्ययुगीन काल को समाप्त कर
आधुनिक युग की नींव रखी।
निष्कर्ष:
मध्ययुगीन यूरोप परिवर्तन और संक्रमण का समय था। सामंतवाद, चर्च की शक्ति, क्रूसेड्स, व्यापार का विकास और अंत में पुनर्जागरण—इन सबने यूरोप को एक नई दिशा दी। यही वह काल है जिसने आधुनिक यूरोप की बुनियाद तैयार की।
