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विश्व
राजनीति में अंतरराष्ट्रीय विवाद और समझौते सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक होते हैं, यह देशों के बीच संबंधों, सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और वैश्विक शांति को पूरी तरह से प्रभावित करते हैं।
इतिहास से लेकर आज के आधुनिक युग तक, अंतरराष्ट्रीय
विवादों ने ही मानव सभ्यता की दिशा तय की है और समझौतों ने इन विवादों को सुलझाने
में निर्णायक भूमिका भी निभाई है। अंतरराष्ट्रीय विवाद अक्सर सीमाओं, संसाधनों, विचारधाराओं, व्यापारिक हितों या राजनीतिक प्रभाव से
उत्पन्न हुए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद, रूस और यूक्रेन संघर्ष, इज़राइल और फिलिस्तीन का विवाद, दक्षिण चीन सागर में दावे ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि कैसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सामरिक
प्रतिस्पर्धा विश्व शांति के लिए आज भी चुनौती बने हुए हैं, जिनका समाधान निकलना
बहोत ज़रूरी है।
इस तरह के सभी जटिल विवादों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते और संस्थाएँ भी बनाई गई हैं, जो समय समय पर विवादों को सुलझाने का प्रयास करती हैं।
- संयुक्त राष्ट्र (UN),
- विश्व व्यापार संगठन (WTO)
- नाटो (NATO)
- यूरोपीय संघ (EU) और
- ASEAN जैसी संस्थाएँ देशों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देती हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाती है।
इन सब के अलावा... जलवायु परिवर्तन समझौते जैसे की “पेरिस समझौता (Paris Agreement)” और “क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol)” वैश्विक पर्यावरणीय संतुलन को बनाए
रखने के लिए ऐतिहासिक कदम हैं।
कई बार समझौते केवल अस्थायी समाधान प्रदान ही करते हैं, लेकिन वे भविष्य के संवाद की नींव जाते हैं। उदाहरण के लिए देखें तो...
- भारत-बांग्लादेश सीमा समझौता,
- ईरान परमाणु समझौता (JCPOA) और
- कैंप डेविड समझौता ने संबंधित क्षेत्रों में स्थिरता की दिशा में योगदान दिया।
वर्तमान समय में जब दुनिया बहुध्रुवीय
(Multipolar) बन रही है, तब विवाद और समझौते दोनों ही नई
रणनीतिक परिभाषाएँ गढ़ते रहे हैं। शक्ति-संतुलन, सामरिक गठबंधन, आर्थिक
प्रतिबंध और तकनीकी सहयोग यह सभी मिल कर नए प्रकार के “कूटनीतिक
हथियार” बन चुके हैं। इसके बावजूद, अंतरराष्ट्रीय समझौतों का मूल उद्देश्य
मानवता, सहयोग और स्थायी विकास को हर हाल में
बढ़ावा देना ही है।
यदि
विश्व को हमेशा के लिए शांति और प्रगति चाहिए, तो
राष्ट्रों को राजनीतिक हितों से ऊपर उठाना होगा, संवाद, सहमति और आपसी सम्मान के आधार पर कार्य
करना होगा। अंतरराष्ट्रीय विवाद और समझौते हमें यही सिखाते हैं कि कोई भी समस्या
संवाद से बड़ी नहीं होती।
इस विषय का अध्ययन विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे UPSC, SSC, Railway, Defence Exams) और सामान्य ज्ञान वेबसाइटों जैसे dailyiqdose.in के लिए अत्यंत उपयोगी है, क्योंकि यह न केवल विश्व राजनीति की समझ विकसित करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को भी व्यापक बनाता है।
