प्राचीन काल के अंत पर आधारित 20 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी | End of Ancient Period 20 Important MCQs in Hindi

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प्राचीन काल का अंत

परिचय:

भारत का प्राचीन काल लगभग 6000 ईसा पूर्व से 700 ईस्वी तक माना जाता है।

इस काल में...

  1. सिंधु घाटी सभ्यता,
  2. वैदिक काल,
  3. महाजनपद और
  4. मौर्य-गुप्त साम्राज्य शामिल हैं।

प्राचीन काल के अंत के साथ भारतीय समाज और शासन व्यवस्था में कई परिवर्तन आए थे, जिससे मध्यकाल का युग प्रारंभ हुआ था। यह काल भारतीय इतिहास में राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक संक्रमण काल था।

 

1. गुप्त साम्राज्य का पतन:

गुप्त साम्राज्य (320550 ईस्वी) का पतन हुनों (Hunas) के आक्रमण और आंतरिक संघर्ष के कारण हुआ था।

साम्राज्य की कमजोरी से छोटे-छोटे राज्य और क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ था।

 

2. राजनीतिक परिवर्तन:

केंद्रीकृत और विशाल साम्राज्यों की जगह क्षेत्रीय राज्य और छोटे राजवंशों का शासन हुआ था।

स्थानीय राजा और सामंतवाद की वृद्धि ने राजनीतिक ढांचे में बदलाव किया था।

 

3. आर्थिक और सामाजिक बदलाव:

नगर और व्यापारिक केंद्रों का कुछ हद तक पतन हुआ था।

कृषि आधारित अर्थव्यवस्था बनी रही, लेकिन बाहरी व्यापार में गिरावट आई।

जाति और वर्ण व्यवस्था में नई सामाजिक जटिलताएँ सामने आई।

 

4. सांस्कृतिक और धार्मिक परिवर्तन:

बौद्ध धर्म और जैन धर्म का प्रभाव घटने लगा था।

वैदिक धर्म और हिन्दू धर्म में पुनरुत्थान हुआ।

मंदिर निर्माण, शिल्प कला और स्थानीय संस्कृति का विकास हुआ।

 

5. शिक्षा और ज्ञान का स्थानांतरण:

प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे तक्षशिला और नालंदा का महत्व बना रहा, लेकिन उनका प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगा था।

ज्ञान और शिक्षा का केंद्रीकरण क्षेत्रीय केंद्रों की ओर बढ़ा था।

 

6. मध्यकाल का आगमन:

प्राचीन काल के अंत के साथ भारत का मध्यकाल प्रारंभ हुआ।

इस युग में राजवंशीय राज्यों का उदय, नए सांस्कृतिक और धार्मिक आंदोलन, और विदेशी आक्रमण प्रमुख थे।

 

निष्कर्ष:

प्राचीन काल का अंत भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन था। यह काल राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भारत को मध्यकाल की ओर ले गया। गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद क्षेत्रीय शक्तियों का उदय, सामाजिक जटिलताएँ और धार्मिक बदलाव ने भारत की समृद्ध प्राचीन सभ्यता को नए युग की ओर अग्रसर किया था।


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