Constitution of India Article-8 MCQ in Hindi

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🟢 भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8 खास तौर पर “Persons of Indian Origin living outside India” यानी भारत के बाहर रह रहे भारतीय मूल के लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करता है।

🔹आसान शब्दों में: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 8 (Article 8) उन लोगों से जुड़ा हुआ है जो रहते तो भारत के बाहर यानी किसी अन्य देश में हैं, लेकिन उनका मूल रूप से संबंध भारत से है जैसे कि उनके माता-पिता या दादा-दादी भारत में पैदा हुए हों।
यह अनुच्छेद बताता है कि ऐसे लोग किन नियमों के आधार पर और कैसे भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) प्राप्त कर सकते हैं।

आइए इसे आसान भाषा मे गहराई से समझते हैं की Article 8 क्या कहता है?
👉 अनुच्छेद 8 का सरल मतलब है:
जो लोग भारत के बाहर रहते हैं लेकिन उनके पूर्वज भारत में पैदा हुए थे, वे भारतीय दूतावास (Embassy) के जरिए भारत की नागरिकता ले सकते हैं।
मतलब:- अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्मा ही नहीं है, भारत में रहता भी नहीं है, लेकिन वह किसी दूसरे देश में रहता है और उसका परिवार मूल रूप से भारत से है, तो वह भारतीय नागरिकता हासिल कर सकता है, उसे नागरिकता प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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♻️  अब सवाल यह है की Article 8 किन लोगों पर लागू होता है?
यह अनुच्छेद मुख्य रूप से दो तरह के लोगों पर लागू होता है:
🔹1. भारतीय मूल के लोग (Persons of Indian Origin – PIO)
जैसे की...
👉जिनका जन्म भारत में नहीं हुआ लेकिन
👉उनके माता-पिता या दादा-दादी भारत में जन्मे थे।

♦️ उदाहरण:
मान लीजिए, आप के दादा भारत में पैदा हुए थे, लेकिन आप का जन्म इंग्लैंड या फ्रांस में हुआ।
ऐसे में आप भारतीय दूतावास जाकर भारतीय नागरिकता ले सकता हैं।

2. भारत से बाहर स्थायी रूप से रहने वाले लोग🔹
जैसे की वह लोग जो
👉लंबे समय से विदेश में रह रहे हैं,
👉वहां की नागरिकता ले चुके हैं,
👉लेकिन उनके परिवार की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं।
ऐसे लोग भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के हकदार हैं।
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🟢भारतीय नागरिकता कैसे मिलती है? 
🔹Article 8 के अनुसार, ऐसे लोग भारत की नागरिकता इस तरह से प्राप्त कर सकते हैं:
👉 1. उन्हें उस देश में मौजूद Indian Embassy / High Commission जा कर में आवेदन देना होता है।
👉 2. आवेदन में यह साबित करना होता है कि उनका परिवार (parents/grandparents) कभी भारत में पैदा हुआ थे। इसके बाद...
👉 3. सरकार उनकी पहचान और रिकॉर्ड की जांच करती है। अच्छी तरह से ये देखा जाता है कि आपका दावा सही है या फर्जी।
👉 4. अच्छी तरह से जांच हो जाने के बाद Citizenship Certificate जारी किया जाता है।
इस प्रकार वे पूरी तरह भारत के नागरिक बन जाते हैं।
हमने आपके लिए डिटेल में Polity नोट तैयार किया है आप एक बार ज़रूर पढ़िए Indian Polity Detailed Note in Hindi
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🟢 Article 8 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अनुच्छेद 8 का मुख्य उद्देश्य है—
👉दुनिया में जहां भी भारतीय मूल के लोग रहते हैं,
👉उनकी भारत से पहचान और अधिकार खत्म ना हों,
👉उन्हें जब चाहे भारत की नागरिकता उपलब्ध हो सके।
भारत  देश ने हमेशा अपने मूल से जुड़े लोगों को सम्मान दिया है। यह अनुच्छेद इस बात को मजबूत करता है कि
भारत अपने लोगों को भूला नहीं है, चाहे वे कहीं भी हों।
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🟢 अलग से Article 8 क्यों बनाया गया?
जब भारत स्वतंत्र हुआ (1947), में तब बहुत से लोग...
🔹पुरानी नौकरी,
🔹व्यवसाय,
🔹परिवार,
🔹या अन्य कारणों से भारत के बाहर पहले रह रहे थे।
ऐसे लोगों को उनका यह अधिकार देना बहुत जरूरी था कि...
👉अगर वे कभी भारत वापस आना चाहें,
👉या भारत की नागरिकता अपनाना चाहें,
👉तो उनकी सहूलत ले लिए आसान प्रक्रिया उपलब्ध हो।
👉इसीलिए संविधान के निर्माताओं ने Article 8  को पूरी ज़िम्मेदारी से जोड़ा है।
♻️ Article 8 की सबसे आसान परिभाषा
अनुच्छेद 8 भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को भारतीय दूतावास के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार देता है।
बस इतनी सी बात है।
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🟢 क्या Article 8 केवल विदेश में रहने वाले लोगों के लिए है?
🔸जी हाँ🔸
यह अनुच्छेद केवल India के बाहर रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए ही है।
भारत में रहने वाले या भारत में जन्मे लोगों के लिए अन्य अनुच्छेद हैं जैसे कि...
👉Article 5 (जन्म से नागरिकता)
👉Article 6 (पाकिस्तान से आए लोगों की नागरिकता)
👉Article 7 (प्रवासी भारतीय जो वापस आए)
लेकिन Article 8 खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिन्होंने भारत कभी नहीं देखा या नहीं आए लेकिन भारत उनकी असल जड़ है।
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🟢 महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है?
♦️जब कोई व्यक्ति भारतीय दूतावास में आवेदन करता है तब दूतावास में मौजूद अधिकारी आमतौर पर यह दस्तावेज़ मांगते है:
👉1. जन्म प्रमाण पत्र
👉2. माता-पिता/दादा-दादी का जन्म प्रमाण पत्र 
👉3. भारतीय मूल साबित करने वाले पुराने रिकॉर्ड
👉4. वर्तमान देश की नागरिकता के प्रमाण पत्र 
👉5. पासपोर्ट, फोटो आदि
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🟢 Article 8 vs OCI – क्या यह दोनों अलग अलग हैं?
🔹हाँ, यह दोनों अलग-अलग हैं🔹
♻️ अगर हम Article 8 को देखें तो यह
👉 नागरिकता देता है
👉 जिसके बाद व्यक्ति पूरी तरह भारतीय बन जाता है
👉 भारत में रह सकता है, वोट दे सकता है, नौकरी कर सकता है

♻️ अब OCI (Overseas Citizen of India) को देखें तो यह 
👉 यह नागरिकता नहीं है
👉 यह सिर्फ “लाइफ-लॉन्ग वीज़ा” जैसा है
👉 इसके अंतर्गत मतदान या सरकारी नौकरी का अधिकार नहीं है।
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🟢 Article 8 की खास बातें (Important Points)
1. यह केवल भारत के बाहर रहने वाले भारतीय मूल के लोगों पर लागू होता है।
2. इसके तहत नागरिकता केवल Indian Embassy के माध्यम से मिलती है।
3. भारतीय मूल साबित करना आवश्यक होता है।
4. आवेदन का अंतिम अधिकार भारत सरकार के पास सुरक्षित होता है।
5. यह प्रावधान स्वतंत्रता के समय बड़ी संख्या में विदेशों में बसे भारतीयों को ध्यान में रखकर बनाया गया था, लेकिन अगर कोई आज भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहे तो अनुच्छेद 8 उन्हें यह अधिकार देता है।

♻️सरल उदाहरण से समझिए
मान लीजिए:
🔹अरुण का जन्म पाकिस्तान में हुआ है।
🔹उसके दादा भारत के महाराष्ट्र में पैदा हुए थे।
🔹 अब अरुण भारत आकर पढ़ाई या नौकरी करना चाहता है।
🔹वह श्रीलंका में मौजूद Indian High Commission में जाकर आवेदन करता है।
🔹जांच के बाद उसे भारत की नागरिकता प्रदान कर दी जाती है।
यह पूरी प्रक्रिया Article 8 के ही तहत होती है।

हमने आपके लिए डिटेल में Polity नोट तैयार किया है आप एक बार ज़रूर पढ़िए Indian Polity Detailed Note in Hindi
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🟢 निष्कर्ष (Conclusion)
Article 8 भारतीय संविधान का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुच्छेद है जो विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता लेने का अधिकार देता है।
यह अनुच्छेद साबित करता है कि भारत अपने मूल से जुड़े लोगों को कभी नहीं भूलता, न कभी भूलेगा।
भारत के बाहर रहने वाले लाखों PIO और OCI के लिए यह अनुच्छेद एक सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।
अगर कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों के आधार पर भारत से जुड़ा है, तो Article 8 उसके लिए भारतीय नागरिकता का रास्ता खोलता है, और भारत के अन्य लोगों के साथ एक सम्मान भरा जीवन प्रदान करता है।

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