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विश्व की जनसंख्या मानव सभ्यता के
विकास, सामाजिक संरचना और आर्थिक प्रगति का
सबसे प्रमुख आधार मानी जातीहै। जनसंख्या का अर्थ किसी निश्चित क्षेत्र में रहने
वाले लोगों की कुल संख्या से होता है।
वर्तमान समय में पृथ्वी पर लगभग 8 अरब
(800 करोड़) से भी अधिक लोग निवास करते हैं, जो
इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी संख्या आंकी गई है। यह तीव्र वृद्धि केवल मानव
अस्तित्व का प्रतीक नहीं है बल्कि संसाधनों पर बढ़ते दबाव का भी संकेत है।
जनसंख्या वृद्धि की गति हर देश में समान नहीं होती है जैसे की... एशिया महाद्वीप विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है, जहाँ विश्व की लगभग 60% जनसंख्या निवास करती है। चीन और भारत इस क्षेत्र के दो प्रमुख जनसंख्या वाले देश हैं।
साल 2023 में भारत ने चीन को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। इसके बाद चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया और ब्राज़ील प्रमुख स्थान पर हैं।
जनसंख्या घनत्व के आधार पर देखि जाती है जिसमे मोनाको विश्व का सबसे घनी आबादी वाला देश है, जबकि वेटिकन सिटी सबसे छोटा और सबसे कम जनसंख्या वाला देश है।
अफ्रीका महाद्वीप में नाइजीरिया
जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा देश है, वहीं
अल्जीरिया क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा देश है।
दक्षिण अमेरिका की बात करें तो
ब्राज़ील क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों के मामले में आगे है।
विश्व की जनसंख्या का वितरण अत्यंत असमान रहा है। एक ओर एशिया और अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं यूरोप और जापान जैसे क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि दर नकारात्मक हो चुकी है और लगातार घटती जा रही है। इसे इस नज़रिए से भी देखा जा सकता है की विकसित देशों में जन्म दर घट रही है, जबकि विकासशील देशों में यह अभी भी ऊँची बनी हुई है। इसका मुख्य कारण शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर और सामाजिक मान्यताओं में अंतर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की “World Population Prospects 2024” की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व
की जनसंख्या वर्ष 2050 तक लगभग 9.7 अरब और 2100 तक 10.4 अरब तक पहुँच सकती है। यह
अनुमान दर्शाता है कि आने वाले दशकों में जनसंख्या वृद्धि की दर धीरे-धीरे घटेगी, लेकिन कुल संख्या में वृद्धि जारी
रहेगी, जिसका सीधा असर संसाधनों पर होगा।
तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण खाद्य
सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण जैसी चुनौतियाँ
बढ़ रही हैं। यदि इन सबका समाधान समय रहते नहीं किया गया, तो संसाधनों की कमी और पर्यावरणीय संकट
गंभीर रूप ले सकते हैं, और आने वाले समय में मानव अस्तित्व को बचाना मुश्किल हो
सकता है।
अगर हम दुसरे तरीके से देखें तो, जनसंख्या केवल समस्या नहीं है बल्कि जनसँख्या शक्ति और अवसर का स्रोत भी है। युवा आबादी वाले देश जैसे भारत, इंडोनेशिया और नाइजीरिया “जनसांख्यिकीय लाभ (Demographic Dividend)” का उपयोग कर आर्थिक विकास को नई ऊँचाई दे सकते हैं। इसके लिए शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में निवेश आवश्यक है, ऐसे देशों को अपनी आबादी का सही उपयोग कर दुनिया में अपनी पहचान बनाने की आवश्यकता है।
dailyiqdose.in की इस क्विज़ वाली पोस्ट के सभी MCQs विद्यार्थियों के लिए तैयार किए गए हैं ताकि वे एक नज़र में विश्व की जनसंख्या और क्षेत्रफल से संबंधित सभी प्रमुख तथ्यों को आसानी से समझ सकें। यह अध्ययन सामग्री उन सभी छात्रों के लिए उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में विश्व भूगोल, अंतरराष्ट्रीय अध्ययन, या सामान्य ज्ञान (GK) के खंड में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
