Learn with Daily IQ Dose
Start Quiz
Question of
( ❌ )
Fullscreen
Marks
✓
+1
❌
-0.33
Time
MCQ Result ❌
| Result | प्राप्त अंक |
|---|---|
| Total Questions | |
| Selected Questions | |
| Total Correct Questions | |
| Total Wrong Questions | |
| Skip Questions | |
| Final Persantage % | |
| Final Score |
बंग-भंग
आंदोलन 1905
परिचय:
बंग-भंग आंदोलन 1905 भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का एक
महत्वपूर्ण अध्याय है। 1905 में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन किया था, जिसे “बंग-भंग” कहा जाता है। यह विभाजन राजनीतिक नहीं बल्कि
पूरी तरह से फूट डालो और राज करो की नीति
पर आधारित था। बंगाल के लोग इस विभाजन के खिलाफ खड़े हुए और पूरे भारत में स्वदेशी
आंदोलन, बहिष्कार आंदोलन और राष्ट्रीय चेतना की नई लहर
फैल गई। यह आंदोलन भविष्य के स्वतंत्रता संग्राम की मजबूत नींव साबित हुआ था।
1. बंगाल विभाजन की
घोषणा:
16 अक्टूबर 1905 को वायसराय लॉर्ड
कर्जन ने बंगाल के विभाजन की घोषणा की थी।
बंगाल को दो भागों में बाँटा गया:
·
पूर्वी बंगाल और असम
·
पश्चिमी बंगाल
इसका मुख्य उद्देश्य था
हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भेदभाव पैदा करना।
2. विभाजन का उद्देश्य:
ब्रिटिश सरकार भारतीयों की एकता से
डरती थी, इसी लिए एकता को तोडना ज़रूरी समझा।
बंगाल उस समय भारत का सबसे बड़ा और
प्रभावशाली प्रांत था।
विभाजन का असली मकसद राष्ट्रीय आंदोलन
को कमजोर करना था ताकि भारतीय आपस में लड़ कर स्वतंत्र भारत का सपना देखना छोड़ दें।
3. स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत:
बंग-भंग के विरोध में स्वदेशी आंदोलन
पूरे देश में शुरू किया गया था।
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और भारतीय
वस्तुओं के प्रयोग का संदेश लोगों तक पहुंचा था।
इसमें छात्रों, व्यापारियों, महिलाओं
और किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
4. प्रमुख नेता:
Ø बाल गंगाधर तिलक
Ø बिपिनचंद्र पाल
Ø लाला लाजपत राय
Ø अरविंद घोष
Ø सुरेंद्रनाथ बनर्जी
इन नेताओं ने आंदोलन को राष्ट्रव्यापी रूप दिया था।
5. आंदोलन की विशेषताएँ:
इसमें विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई
थी।
इसके कारण भारतीय उद्योगों को बढ़ावा
मिला था।
इसके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा संस्थानों
की स्थापना की गई थी।
कला, साहित्य
और गीतों के माध्यम से राष्ट्रवाद का प्रचार किया गया था।
6. आंदोलन का परिणाम:
बढ़ते विरोध और जनता के दबाव में
ब्रिटिश सरकार को साल 1911 में विभाजन रद्द करना पड़ा था।
यह भारतीय एकता और राष्ट्रीय भावना की
बड़ी जीत मानी जाती है।
इस आंदोलन ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम
को नई दिशा प्रदान की थी।
निष्कर्ष:
बंग-भंग आंदोलन 1905 ने ब्रिटिश शासन
की विभाजनकारी नीतियों के प्रति भारतीयों को एकजुट किया गया था। इस आंदोलन ने
स्वदेशी और बहिष्कार जैसे शक्तिशाली हथियार दिए, जो
आगे चलकर आजादी के संघर्ष का आधार बने थे। बंगाल विभाजन की वापसी भारतीय जनता की
ताकत और राष्ट्रीय एकता की ऐतिहासिक जीत थी।
